यूपी: शिक्षक के कागजों का क्लोन बनाकर नौकरी कर रहे फर्जी टीचर हुए गिरफ्तार, सामने आई ये बात

उत्तर प्रदेश से एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है. एक शिक्षक के नाम और कागजों पर तीन शिक्षक नौकरी करते मिले. पुलिस ने इस मामले में दोषी शिक्षकों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपी सालों से सरकार से सैलेरी ले रहे थे और शिक्षा विभाग को चूना लगा रहे थे.


 


असली शिक्षकों की डिग्रियों और अन्‍य दस्‍तावेजों के साथ पैन और आधार का क्‍लोन तैयार कर किसी दूसरे जिले में कोई शिक्षक बरसों से नौकरी कर रहा हो, तो हैरानी होना स्‍वाभाविक है. ऐसा ही सनसनीखेज मामला गोरखपुर में भी सामने आया है. जहां के उरुवां ब्‍लॉक के कन्‍धला प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहजनवां के रहने वाले शिक्षक राम प्रसाद ने साल 1983 में बतौर शिक्षक गोरखपुर के पाली में पहली बार ज्‍वाइनिंग पाई थी. 2023 में वे सेवानिवृत्‍त भी हो जाएंगे.


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कोरोना वायरस को लेकर मास्क सहित तमाम सुरक्षा उपकरणों की मांग को लेकर हर अस्पताल में डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ शिकायतें कर रहे हैं। ऐसे में मंगलवार को दिल्ली एम्स ने एक सर्कुलर जारी करते हुए सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को एन-95 मास्क उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
आज भारत और राज्य सरकार व प्रशासन को कि नर्सिंग की अहमियत और महत्ता भी समझ आ गयी ।। नर्सिंग कर्मचारियों के द्वारा किए गए इन साहसिक कार्यों को देखते हुए , जिस प्रकार सेना में वीरता का सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र (भारतीय सम्मान)प्रदान किया जाता है उसी प्रकार स्वास्थ्य योद्धा नर्सिंग कर्मचारियों को भी कर्मवीर चक्र(भारतीय सम्मान) या कर्मवीर रत्न जैसी उपाधि उसे अलंकृत किया जाना चाहिए,जिससेउनके परिवार और अन्य लोगो को प्रेरणा मिल सके। "राकेश बडगुजर"
साथ ही एम्स प्रबंधन ने कहा है कि एक मास्क को 20 दिन तक इस्तेमाल करना है। इसे चार बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है। डॉक्टरों व स्टाफ कि शिकायत थी कि कोरोना वायरस का उपचार कर रहे डॉक्टरों को मास्क भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
कोरोना वायरस: पीएम मोदी आज रात 8 बजे देश को फिर संबोधित करेंगे