उत्तर प्रदेश से एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है. एक शिक्षक के नाम और कागजों पर तीन शिक्षक नौकरी करते मिले. पुलिस ने इस मामले में दोषी शिक्षकों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपी सालों से सरकार से सैलेरी ले रहे थे और शिक्षा विभाग को चूना लगा रहे थे.
असली शिक्षकों की डिग्रियों और अन्य दस्तावेजों के साथ पैन और आधार का क्लोन तैयार कर किसी दूसरे जिले में कोई शिक्षक बरसों से नौकरी कर रहा हो, तो हैरानी होना स्वाभाविक है. ऐसा ही सनसनीखेज मामला गोरखपुर में भी सामने आया है. जहां के उरुवां ब्लॉक के कन्धला प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहजनवां के रहने वाले शिक्षक राम प्रसाद ने साल 1983 में बतौर शिक्षक गोरखपुर के पाली में पहली बार ज्वाइनिंग पाई थी. 2023 में वे सेवानिवृत्त भी हो जाएंगे.